खबर /लघुकथा
व्हाटएप्प्स से खबर लगी है कि तुम्हारा एक्सीडेंट हो गया है।
जी सही खबर है। शुक्र है फ्रैक्चर नहीं हुआ है,शरीर के ढांचे में दर्दनाक अंदरुनी घाव है। आप मित्रो की दुआओ से जान बच गई है।
क्या कह रहे हो ?
सच कह रहा हूँ कोई बेवकूफ सड़क पर कार का दरवाजा खोल दे तो क्या होगा ?
यार सुनकर रूह काँप उठी। ना जाने लोगो को कौन सी जल्दी रहती है कि राह चलते लोगो की जान लेने पर तूले रहते है।
हेलमेट से काफी राहत हो गयी बचाव हो पर पूरा अस्थि पंजर हिल गया है, पूरे बदन में भयावह दर्द है भाई।
मुसीबत टल गयी। दवा लो,आराम करो दर्द भी ठीक हो जायेगा।
वही हो रहा है,पर आप मित्रजनों -स्वजनों की दुआ अधिक असरकारी है।
वह कैसे बुध्दनाथ ?
मौत जो छूकर चली गयी विजय बाबू।
डॉ नन्द लाल भारती
23 .09 .2015