Monday, September 30, 2013

वनवास /लघुकथा

वनवास /लघुकथा

गम में क्यों दुखहरन…….?
चोली दामन का साथ बना दिया है नसीब के दुश्मनों ने इन्दर बाबू।
इतनी निराशा  ……?
जहां स्व-जाति उत्थान के चक्रव्यूह रचे जा रहे हो नित नए-नए परजाति  के दमन की साजिश हो तो वहाँ आशा कैसे जीवित रह सकेगी।  आशा से मिला क्या पतझड़ सा भविष्य ,अछूत का दंशलूटी हुई नसीब और क्या इन्दर बाबू .
लोग सफल क्या हो जाते है जातीय अभिमान, पद-दौलत  के गुमान का नंगा प्रदर्शन करने लगते है। कमजोर आदमी का खून पीने लगते है।
हाँ बाबू ऐसे हे लोगो ने तो मेरे सपनों को कब्रस्तान बना दिया है। स्व-जातीय गुट बनाकर अवैध को वैध कर सोने की दल काट रहे है और मैं ठगी नसीब का मालिक पद-दलित वनवास।
कैसे  लोग है .
सामंती मुर्दाखोर इन्दर बाबू।
डॉ नन्द लाल भारती  01. 10 . 2013

Monday, September 23, 2013

तालीम का क़त्ल

 तालीम का क़त्ल/laghukatha
 
परिचर -सर कैमरे से फोटो मिट गयी।
 कैसे रामू …………. ? बहुत  गड़बड़ हो जाएगी।
फोटोग्राफर के कैमरों के कंप्यूटर से अटैच करते ही। फोटोग्राफर कह रहा है रिकवरी के सात सौ रुपये अलग से लगेगे।
कैमरे में फोटो थी जब तुम ले गए थे।
जी आपने भी तो देखा था सी.जी.एम् ने भी देखा था ,उनके कहने पर तो फोटो बनवाने गया था।
रि -टेक की नौबत आ गयी,कहते हए दयानंद बिग बॉस के कक्ष की और लपका। कक्ष में प्रवेश करते ही सब कुछ कह सुनाया।
बिग बॉस -तुमने  मिटा दिया होगा।
बिग बॉस क्यों इल्जाम मढ़ रहे है ऽब बस करिए बहुत बनाम कर दिया गया हूँ। सैप सिस्टम पर काम करने नहीं देता कहते है मुझे काम ही नहीं आता। मेरे हर काम में गलती क्यों। यह तो अन्याय है कमर तोड़ मेहनत के बाद। कुछ लोग देर से आते है ,गप्पे लड़ाते है ,काम कम चिल्ला चोट ज्यादा करते है। उन्ही के कामो को सराहा जाता है ,ऊपर से भरपूर आर्थिक लाभ पहुँचाया जाता है बाकि सरकारी सुख सुविधाओ का तोहफा अलग से। साहब आप और पूरा विभाग मेरी काबिलियत के बारे में जनता है इसके बाद भी बदनाम किया जा रहा हूँ ,तरक्की से दूर फेंका जा रहा हूँ। साहब ये साजिश नसीब,काबिलियत और तालीम का क़त्ल है।
डॉ नन्द लाल भारती  २३.०९.२०१३

Tuesday, September 17, 2013

तुगलकी फरमान/लघुकथा

तुगलकी फरमान/लघुकथा 
मोहन के बापू  चिंता में क्यों ? अरे श्रीनाथजी से सम्मानित होकर आये हो। जश्न का वक्त है। आप चिंता में।
भागवान-कल आया था आज इंतनी रात में दफ्तर से आ रहा हूँ।
क्या कोई और साजिश …?
हां जब से विभाग में ज्वाइन किया हूँ तब से साजिशो का तो शिकार हूँ। कैरिअर ख़त्म कर दिया उम्मीदों के क़त्ल की भी साजिश कर रहा है मुर्दाखोर सामंतवादी प्रबंधन।
नया क्या कर दिया मुर्दाखोर सामंतवादी प्रबंधन ने।
तुगलकी फरमान …….
ये कौन सी बला है …।
ये गाज ड्राइवर ,चपरासी, टाइपिस्ट ,सेक्रेटरी डाटा आपरेटर पर गिर रही है।
क्यों ……….?
मुर्दाखोर सामंतवादी प्रबंधन कह रहा है इनकी संख्या अधिक है और अब बदलते समय में ये लोग विभाग के काम के नहीं रहे . इनको बाहर निकलने, साठ से पहले रिटायर करने और काले पानी की सजा सुनिश्चित करने के लिए अंडरटेकिंग प्रपत्र जरी कर दिया गया है।
यह तो छोटे कर्मचारियों को मौत के मुंह में ढकलने की कोशिश है। कर्मचारियों को कोर्ट में मुर्दाखोर सामंतवादी प्रबंधन के तुगलकी फरमान के खिलाफ चुनौती देनी चाहिए .
हां तभी सामंतवादी प्रबंधन का असली चेहरा सामने आ पायेगा। कर्मचारियो का  भविष्य सुरक्षित रह पायेगा, बच सकेगा उनका अस्तित्व और जीवन भी। …   डॉ नन्द लाल भारती 18 . 09 2013