बधाई ..
बधाई हो मोची भईया तुम तो बहुत ऊपर उठ गए .
मोची-धन्यवाद् महोदय आप कोई शब्दों के जादूगर लगते है .
हां वही समझ लीजिये . मेरा नाम सेवकदास है .
मोची-महोदय प्रसाद ग्रहण कीजिये .
सेवकदास -मेरा सौभाग्य है की महावीर जयंती के सुअवसर पर आपके हाथ से प्रसाद पा रहा हूँ .
मोची- महोदय गरीब के पास सद्भाना की दौलत के सिवाय और कुछ तो होता नहीं . मौका आने पर पेट काटकर दूसरो की मदद करने से भी गरीब पीछे नहीं हटता .
सेवकदास -आपके सेवा भाव को नमन करता हूँ.
मोची-महोय मेहनत मज़दूरी की कमाई में बरकत बरसे. दूसरे आपसे सेवाभाव सीखे. ,महावीर जयंती की बहुत-बहुत बहीया बधाईया मोची भईया कहते हुए सेवकदास गंतव्य की और चल पड़ा . उखड़े पाँव मोची भईया नेक मकसद में जुट गया . नन्दलाल भारती
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