Tuesday, November 30, 2010

BHASHADROHI

भाषाद्रोही..
हिंदी गंगा है, वक्तव्य सुनकर एक श्रोता प्रतिक्रिया स्वरुप बोला बकवास  है .
पीछे बैठे व्यक्ति से रहा नहीं गया वह उत्तेजित स्वर  में बोला अरे चुप रह भाषाद्रोही ... नन्दलाल भारती

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