Friday, September 9, 2011

फांसी की सजा ..

फांसी की सजा ..
क्या  खबर है ?
अच्छी नहीं है.
परमानन्द फिर फेल कर दिया गया .
 क्या परमानन्द फेल यानि प्रमोशन से फिर वंचित कर दिया गया .यह तो करियर के लिए फांसी की सजा है .
 हां साहब छोटे लोगो के साथ तो यही हो रहा है .लाख योग्यता के बाद भी निचले तबके का परमानन्द सजा पा रहा है.
 क्या कह रहे हो वर्मा जी ?
 सामंतवादी व्यवस्था का सच ...........कर्मा जी
 यही रिसता जख्म तो परमानन्द के कैरियर के लिए फांसी सजा साबित हो गया है.
 लोक तंत्र के युग में  सामंतवादी व्यवस्था ..?
 हाँ .............तभी तो उच्च शिक्षित परमानन्द को aansu peena    pad रहा है, कैरियर chaupat kiya  jaa रहा
लात मारो ऐसी व्यवस्था को ..................नन्द लाल भारती .....०९.०९.२०११



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