Thursday, October 11, 2012

समीक्षा /लघुकथा

समीक्षा /लघुकथा
समीक्षा बैठक की हवाई यात्रा से लौटने के तुरन्त बाद ऑफिस हेड साहब ने स्टाफ की मीटिंग बुला लिए बढ़ाई और प्रशंसा की खूब बौझार किये .बिग बॉस की प्रसन्नता के जिक्र किये.विभाग के मुनाफे और डिविडेंड पर चर्चा हुई -कार्य योजना पर विमर्श हुआ . आखिर में हेड साहब बोले बिग बॉस ने टी ए बिल की समीक्षा  में पाया की दुखी राम को लाभ पहुचाया जा रहा है .बिग बॉस ने तुरंत दौरे न करने के निर्देश दिए है।
दुखी राम -काम ........?
हेड साहब -काम तो करना पड़ेगा .
दुखीराम-मेरा हजार पंद्रह सौ का टी ए बिल अधिक हो  गया है कागजी घोडा दौड़ा कर  बीस से अधिक हजार वालो की समीक्षा नहीं हुई क्या .....?
भिभेख मुंह लगु अफसर -तुम्हारी दूसरे अधिकारियो से क्या तुलना .बिग बॉस ने कुछ सोच समझ कर डिसीजन लिया होगा .
दुखीराम - डिसीजन कही जातीय उत्पीडन का डँवरुआ तो नहीं .......नन्द लाल भारती ....12..10.2012

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