Monday, January 7, 2013

गिफ्ट बनाम भ्रष्टाचार ..

गिफ्ट बनाम भ्रष्टाचार ..
सर आपको मिला  क्या ...?
क्या मिलने वाला था राजू  ?
गिफ्ट पैकेट ....
कौन लाया था ...?
होटल सुनाजी के दो एक्जीकिटिव आये थे कई दीवाली गिफ्ट पैकेट लेकर ...
हमें नहीं चाहिए .गिफ्ट काम निकलवाने का तरीका है .गिफ्ट  भ्रष्टाचार बढ़ाता है .
भ्रष्टाचार में भ्रष्टाचार कह कर राजू हँस पड़ा .
हंसने की बात नही राजू सोचने और समझने की बात है ...
समझ गया सर .....
क्या .......?
कार्टून,खोखा और छोटे-मोटे पैकेट और क्या .पैकेट भी सब को नहीं मिलता।कौवे जैसे लोग झटक लेते है ..
कौन झटक लिया ..?
अपात्र  गणजीत .
अपात्र कैसे ...?
आफिस स्टाफ तो है नहीं फिर भी कब्ज़ा है  .मैदानी कार्यकर्ता होकर हम छोटो का हक़ छीन कर स्वजातीय भी-बन्धुओ में बाँट ले रहा है  बरसों से .
उन्ही को मुबारक हो .राजू ऐसे  गिफ्ट धीरे-धीरे गले की फांस बनते है .गिफ्ट नहीं मीठे बोल बोलो और ईमानदारी से काम करो .संतोष का फल मीठा होता है
लोग कितने धनिखा हो गए हम तो जहा से चले थे वही खडे  है ...
तुम्हारी भे सुबह सबके साथ ही हो रही है न राजू कह कर नक्षत्रदास कुछ देर मौन रहे फिर कलम उठा लिए ....डाँ .नन्द लाल भारती 07.01.2013

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