देखो घिसवे मैं कितना पापुलर हूँ अंदाजा है .परदेश में इंटरव्यू छपा है,झपक चंद हते हुए मोबाईल पर नंबर डायल करने लगे.
इंटरव्यू नन्ददेव का छापना था पित्रभूमि अखबार के दफ्तर पच्चीस बार फोन लगाए हाथ जोड़ कर इंटरव्यू छपवा लिए तो तीस मार खान बन रहे है मन ही मन कुढ़ते हुए होटल के सोफे में धंस गए उनके मुंह से निकल गया सच्चाई जानता हूँ .
कैसी सच्चाई मि.झपक चंद बोले .
घिसवे आथर कौन आप चिकित्सक या आथर नन्ददेव ? दर्जनों किताबे किसने लिखी हैं आप या नन्ददेव .अखबार वालो ने नन्द देव का .इंटरव्यू लेने के लिए बात किया .आप जुआड़बाजी कर लिए .अरे नई प्रतिभाओं को मौंका देते .किसी प्रतिभावान की छाती पर चढ़ कर कैसी पापुलरिटी वह भी कब्र में पैर होने पर ?
झपक चंद अनजान भाषा में छपे इंटरव्यू का डंका फोन पर इतनी तन्मयता से पीट रहे थे की चोर के दाढ़ी का तिनका खुलेआम गवाही दे गया .
घिसवे के मुंह से निकल गया वाह रे पापुलरिटी ..... नन्द लाल भारती २०.०३.2012
इंटरव्यू नन्ददेव का छापना था पित्रभूमि अखबार के दफ्तर पच्चीस बार फोन लगाए हाथ जोड़ कर इंटरव्यू छपवा लिए तो तीस मार खान बन रहे है मन ही मन कुढ़ते हुए होटल के सोफे में धंस गए उनके मुंह से निकल गया सच्चाई जानता हूँ .
कैसी सच्चाई मि.झपक चंद बोले .
घिसवे आथर कौन आप चिकित्सक या आथर नन्ददेव ? दर्जनों किताबे किसने लिखी हैं आप या नन्ददेव .अखबार वालो ने नन्द देव का .इंटरव्यू लेने के लिए बात किया .आप जुआड़बाजी कर लिए .अरे नई प्रतिभाओं को मौंका देते .किसी प्रतिभावान की छाती पर चढ़ कर कैसी पापुलरिटी वह भी कब्र में पैर होने पर ?
झपक चंद अनजान भाषा में छपे इंटरव्यू का डंका फोन पर इतनी तन्मयता से पीट रहे थे की चोर के दाढ़ी का तिनका खुलेआम गवाही दे गया .
घिसवे के मुंह से निकल गया वाह रे पापुलरिटी ..... नन्द लाल भारती २०.०३.2012
No comments:
Post a Comment