रिश्वत /लघुकथा
दादा पांव लांगू
तरक्की करो बेटवा . सौतेली माँ सब लूट कर मायका भर दी क़म से माँ अब से भगवान सुन लेते . विदेश कब जा रहे हो बेटा ।
दादा छः महीने के बाद शायद।
क्यों क्या हुआ बेटा।
मेडिकल फिर से होगा।
क्यों … ।
दिल्ली का पानी नहीं पचा ।
मतलब
जुकाम हो गया था . डॉ को रिश्वत नहीं दिया ,नरभक्षी ने फेल कर दिया य़े
नरभक्षी किस्म के लोग गरीबो का भविष्य कब तक तबाह करते रहेगे। .
हां दादा फेल हो गया .पास होने की कीमत पंद्रह सौ रूपया थी बाद में पता चला । बेटवा गरीब की आह बेकार नहीं जायेगी।
डॉ नन्द लाल भारती 28 . 12 . 2013
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