Friday, December 27, 2013

धृतराष्ट्र/लघुकथा

 धृतराष्ट्र/लघुकथा
कल क्यों नहीं आये।
कहाँ ....?
ड्यूटी पर।
छुट्टी थी कल ।
आने को कहा था मै और दूसरे अधिकारी भी आये थे .
बॉस पेट्रोल रूपये लीटर है ,जीवन के पल अनमोल है क्यों बिना किसी मूल्य के बेकार करता .
मतलब दूसरे लोग लूट रहे हैं .
सिर्फ स्व-जातीय और दोनों हाथो से। मै का मालिक इसमे शामिल नहीं।
क्या …?
बॉस कलयुग के  धृतराष्ट्र ना बनिए ।
डॉ नन्द लाल भारती 28 .12 .2013

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