Friday, August 23, 2013

खडी फसल /लघुकथा

खडी फसल /लघुकथा
दतिया वालो का मैसेज आ गया।
कब आ रहे है।
नहीं आ रहे।
क्यों। …… ?
रिश्ता  मंजूर नहीं।
क्यों एकदम से क्या हो गया। पांच दिन पहले तो बहुत पसंद था।
पांह दिन पहले था ,अब खडी फसल पर ओले पड़ गए।
कैसी फसल कैसे ओले बिन मौसम बिन बदरी।
भागवान… दहेज़ की फसल पर।
वो कैसे     ?
डॉ इंजीनियर शिक्षक उच्च शिक्षित परिवार है।
आपसे ज्यादा…?
सोच में अंतर तो हो सकता है।
कैसी और किस सोच में।
दहेज़ को लेकर क्या   ?
भगवान खूब समझी ,उन्हें लगा होगा कि जो बाप बेटे के एडमिशन के लिए 25 लाख  डोनेशन देने की स्थिति में नहीं है वह दहेज़ क्या देगा। डॉ नन्द लाल भारती। 24.082013  


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