Tuesday, April 22, 2014

लाश की कीमत/ लघुकथा

लाश की कीमत/ लघुकथा
मिसेज दमयंती दमयन्ती पलंग से नीचे पाँव रखते हुए बोली माया कितने दिनों के बाद आ रही हो। बेटी तुमको पता है मेरा घुठना पग-पग पर सवाल करता है।  गायब रहेगी तो मेरा  जैसे हो जायेगा।
माया मेम साहब पांच दिन ही तो हुए है।
मिसेज दमयंती-पांच दिन काम है क्या ? मेरी हलता पर तुझे तरस नहीं आता अगर मैं भी तुम्हारे जैसे करने लगी तो तुम्हारे हाथ क्या आएगा फिर  अपना रोना रोयेगी ,मुझे इमोशनल ब्लैक करेगी . जानती है तेरे पति में ऐब है तो छोड़ साले को रोज-रोज नरक की जिंदगी से छुटकारा पा ले ,बच्चो को पढ़ा -लिखा रही है,जितनी तेरी इनकम है तो अपने और बच्चो पर तो अच्छी ज़िन्दगी बिता सकती है। फिर तेरा पैसा छीन कर मारा पीटा है ना। जा फ्रिज में दूध है हल्दी डालकर गर्म करके एक गिलास पी ले।
माया नहीं मेम साहेब लफंडू लठैत मार नहीं है पैसा गहन सब बेच दिया है। एक नयी मुसीबत सिर  पर आ गयी है।
दमयंती-वह क्या .............?
माया -सासू।
मिसेज दमयंती-खबरदार सासु माँ को मुसीबत कही तो। सासू को अपनी माँ  समझो। माँ बाप धरती के भगवान होते है। उनकी सेवा करो खूब आशीर्वाद दुआ बटोरो।
माया- वही तो कर रही हूँ। गॉव की जमींन  बिक गयी पति का लात मुक्का खाकर बचाई अपनी कमाई डूब गयी फिर भी बुढ़िया वेल्टीलेटर से चिपकी है। डाक्टर ढाई  मांग रहा आपरेशन करने के लिए।
मिसेज दमयंती-क्या कह रही हो वेल्टीलेटर पर तुम्हारी सासु माँ है।
माया-जी मेम साहब।
मिसेज दमयंती-कब से।
माया- सप्ताह भर से।
मिसेज दमयंती-कही लांस की कीमत रो अस्पताल वाले नहीं वसूल रहे।
माया- काया कह रही है मेम साहेब।
मिसेज दमयंती-कौन से अस्पताल में  भर्ती है।
माया -सर्बिन्दो।
मिसेज दमयंती-डाक्टर विनोद खंडारी का अस्पताल है। देश और देश के भविष्य का दुश्मन है ये डाक्टर मेडिकल चिकित्सा परीक्षा घोटाला का मास्टर माइन्ड है। अभी जेल में है जानती हो ना।
माया -दुनिया जानती है ये तो।
मिसेज दमयंती-बेटी काम छोडो अस्पताल जाओ अपने पति से बोलो रूपये का इंतजाम हो गया है। वह डाक्टर से पक्का कर ले आपरेशन के बाद सासु माँ ठीक तो हो जाएगी। डाक्टर बोले हां तो बोलना मुझे गारंटी चाहिए।
माया मिसेज दमयंती- के बताये अनुसार अस्पताल गयी और अपने पति के सामने मिसेज दमयंती की कही बात तोते जैसे दोहरा दी। उसके पति की आज अपनी घरवाली की स्मझदृ पर गुमान हो आया वह भी डाक्टर के पास गया और अपनी घरवाली की कही बात तोते जैसे दोहरा दिया बस क्या आनन -फानन में डाक्टरों ने माया की सासु माँ को घंटे भर में मृत घोषित कर दिया जो सप्ताह भर पहले मर चुकी थी जिसे अस्पताल वाले लाश  की कीमत वसूलने के लिए वेल्टीलेटर पर ज़िंदा कर रखे थे। डॉ नन्द लाल भारती    22  अप्रैल 2014

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