एफ.आई.आर./लघुकथा
मुंशीजी रिपोर्ट लिख लिया …… ?
कौन सी रिपोर्ट हेडसाहेब …… ?
चोरी वाली और कौन सी।
बिना माल लिए। सब छाप रहे है। हम फोकटी तो नहीं।
लिखो तो सही।
देखो हेडसाहेब बिना माल के काम नहीं।
थाने में पुलिस का आपसी मोलभाव सुनकर कृपणारायण बोला कैसे न्याय मिलेगा धनबीर…… ?
आओ चले धनबीर बोला।
कहाँ …… ?
कचहरी।
कचहरी क्यों …… ?
मुकदमा दर्ज़ करवाने।
बिना एफ.आई.आर.लिखवाये।
दबे कान आवाज़ सुन रहे हो ,एफ.आई.आर.लिखवाने के माल लगते है ।
ठीक कह रहे हो, थाने में सुनवाई नहीं हो रही है कचहरी में हो सकती है। थाने का सबूत भी तो मोबाइल में हो गया है।
डॉ नन्द लाल भारती
23 दिसम्बर 2014
मुंशीजी रिपोर्ट लिख लिया …… ?
कौन सी रिपोर्ट हेडसाहेब …… ?
चोरी वाली और कौन सी।
बिना माल लिए। सब छाप रहे है। हम फोकटी तो नहीं।
लिखो तो सही।
देखो हेडसाहेब बिना माल के काम नहीं।
थाने में पुलिस का आपसी मोलभाव सुनकर कृपणारायण बोला कैसे न्याय मिलेगा धनबीर…… ?
आओ चले धनबीर बोला।
कहाँ …… ?
कचहरी।
कचहरी क्यों …… ?
मुकदमा दर्ज़ करवाने।
बिना एफ.आई.आर.लिखवाये।
दबे कान आवाज़ सुन रहे हो ,एफ.आई.आर.लिखवाने के माल लगते है ।
ठीक कह रहे हो, थाने में सुनवाई नहीं हो रही है कचहरी में हो सकती है। थाने का सबूत भी तो मोबाइल में हो गया है।
डॉ नन्द लाल भारती
23 दिसम्बर 2014
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