दूषित आँख /लघुकथा
हवलदार आवेदन के साथ लगी नवयौवना के फोटो को दूषित आँखों से निहारते हुए बोला हेडसाहेब गुमशुदा का एक नया केस आ गया क्या ....... ?
आ तो गया है।
जनाब जांच कहा तक पहुंची ....... ?
जांच क्या ....... ?
क्यों नहीं .... ?
क्या जांच। जाड़े का मौसम शबाब पर है ,उतरते ही वापस आ जायेगी।
देश की रक्षा और समाज की सुरक्षा की कसमे खाकर दौलत और अस्मिता पर अश्लील नजरे रखने वाले, देश और समाजद्रोहियो की बात सुनकर सच नारायण का कलेजा मुंह में आ गया वह छाती पर हाथ रखकर थाने से बाहर चला गया। पुलिस वाले दूषित आँखों से निहारते रह गए।
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