Monday, May 27, 2013

भीखारी /लघुकथा
दादा वो देखो ........?
क्या बच्चू ......?
पुलिस वैन  चौराहे के किनारे जो खडी है .
पुलिस वैन क्यों दिखा रहे हो .रास्ता नापो पुलिस वैन के चक्कर में मत पड़ो .चौराहे पर ये लोग वसूली ही तो करते है .
दादा एक नजर देखो तो सही .अभी मामला थोडा हटके है .
बेटा  जिद मत करो चलो. पुलिस को निहारना महंगा पड़ सकता है .
दादा देखो एक भिखारिन कैसे गिडगिडा रही है .
वह नहीं जानती है .
क्या दादा जी ....?
एक बड़ा दबंग भिखारी उखड़े पाँव भिखारी को भीख देगा क्या .आगे बढ़ो बेटा .
डॉ नन्द लाल भारती
28 .05 .2 013 

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