कुव्यवस्था /लघुकथा
क्या यार राहुल देखो एक बार फिर टाइपिस्ट बाजी मार कर हेड ऑफिस पहुँच गया और तू जहाँ से चले थे वही रह गए .
राहुल -बॉस मेरे पास योग्यता नहीं है ना ?
क्या तुम्हारे इतनी योग्यता विभाग में किसके पास है .
राहुल-हम अछूत जैसे की शैक्षणिक योग्यता को इस विभाग में कौन पूछता है .अगरमेरी शैक्षणिक योग्यता को को तवज्जो मिली होती तो मै भी बड़ा मैनेजर होता पर अयोग्य हो गया हूँ ना छोटी जाती के कारण .
कौन सी योग्यता की बात कर रहे हो राहुल .
राहुल-जातीय योग्यता .
क्या ...................?
राहुल- हाँ ...इतने भौचक्के क्यों हो रहे है ?
सच ...................?
राहुल- मेरी उच्च शैक्षणिक योग्यता को इस संस्था में मान्यता मिली होती तो चौथे दर्जे का कर्मचारी नहीं होता पर अफ़सोस यहाँ तो जातीय योग्यता सब कुछ है .
काश भारतीय समाज वार्णिक कुव्यवस्था का शिकार न होता ...................................?
डॉ नन्द लाल भारती 09.07.2013
क्या यार राहुल देखो एक बार फिर टाइपिस्ट बाजी मार कर हेड ऑफिस पहुँच गया और तू जहाँ से चले थे वही रह गए .
राहुल -बॉस मेरे पास योग्यता नहीं है ना ?
क्या तुम्हारे इतनी योग्यता विभाग में किसके पास है .
राहुल-हम अछूत जैसे की शैक्षणिक योग्यता को इस विभाग में कौन पूछता है .अगरमेरी शैक्षणिक योग्यता को को तवज्जो मिली होती तो मै भी बड़ा मैनेजर होता पर अयोग्य हो गया हूँ ना छोटी जाती के कारण .
कौन सी योग्यता की बात कर रहे हो राहुल .
राहुल-जातीय योग्यता .
क्या ...................?
राहुल- हाँ ...इतने भौचक्के क्यों हो रहे है ?
सच ...................?
राहुल- मेरी उच्च शैक्षणिक योग्यता को इस संस्था में मान्यता मिली होती तो चौथे दर्जे का कर्मचारी नहीं होता पर अफ़सोस यहाँ तो जातीय योग्यता सब कुछ है .
काश भारतीय समाज वार्णिक कुव्यवस्था का शिकार न होता ...................................?
डॉ नन्द लाल भारती 09.07.2013
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