एड्स की खेती ..
काले साहब मालामाल हो गए तरक्की पर तरक्की . गोल्ड मेडलिस्ट, हाईली कुवालिफईद फेल हो गए है .
काले साहबे की गोरी नीति का बवाल है तरक्की पर तरक्की .
क्या कह रहे हो महोदय गोरी नीति का बवाल..
हां .........छल, भेद आखिर में बात नहीं बनी तो दाम यानि गोरी नीति .
अच्छा समझा , इसी नीति के सहारे गोरो ने देश को गुलाम बनाये रखा था. अब काले साहब लोग युवाओ की नसीब और आम आदमी के हक़ को गुलाम बना रहे है .
आतंकवाद,घूसखोरी,भ्रस्ताचार गोरे नासूर की खेती हो गयी है .
नासूर नहीं एड्स. इस एड्स के खिलाफ जंग भविष्य और हक़ सुरक्षित रख सकता है .
नन्द लाल भारती ३०.१२.२०१०
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