Wednesday, December 29, 2010

PRATIKRIYA

प्रतिक्रिया ..
अत्यधिक संपन्न  परन्तु आत्मिक विपन्न व्यक्ति की दोगली बात पर प्रतिक्रिया स्वरुप बुजुर्ग विपुल पूछे उपदेश अच्छा था विपिन ...
उपदेश नहीं धोखा ....
सही समझे, साप केचुल  छोड़े तो इसका मतलब ये नहीं की डसना छोड़ दिया .
देख लिया दादा मन में राम और छुरी की धार .
अरे तू तो समझदार हो गया बेटा .
साप तो नहीं ना दादा .
बिल्कुल  नहीं, सच्चे, मन के अच्छे मानवतावादी विषधर नहीं हो सकते बेटा ...
नन्द लाल  भारती   २९.१२.२०१० 

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