Thursday, February 17, 2011

GET SE BANDHA KUTTA

गेट से बंधा कुत्ता ..
साहेब ये मालिक थे क्या.
किसके मालिक .
कंपनी के .
नहीं आठवी पास बिगाड़ा हुआ ड्राइवर है.
 ऑफिस स्टाफ से तू-तू कर भौंक रहा था तो मुझे लगा भौकने वाला व्यक्ति मालिक है.
गाड़ी बंद है. काम कोइ है नहीं .उच्च-पढ़े लिखे स्टाफ से होड़,बदतमीजी और इनकी-उनकी शिकायत बस यही काम बचा है .
बड़ा गाडफादर  है क्या ...
गाडफादर बदतमीजी करने को नहीं बोलेगा . यह तो गाडफादर की तवहिनी है . सहा है तो क्या बदतमीजी करना चाहिए की इज्जत से नौकरी.
लगता है उच्च सर्व श्रेष्ठ  साबित करने का भूत सवार  है.
ठीक कह रहे है ये तो वो हाल हुई जैसे  सेठ के गेट पर बंधा डाबरमैन कुत्ता ...
नन्दलाल भारती.. १७.०२.२०११

No comments:

Post a Comment