कुत्तो से सावधान ..
उधर देखो ज्ञानचंद .
क्या दिखा रहे हो ध्यानचंद .?
अरे उधर तो देखो गेट के सामने हट्ठे-कट्ठे बाडी गाड खड़े है . गेट पर लिखा है कुते से सावधान .
अरे भई, जन प्रतिनिधि या जन सेवक का महल है .विदेशी नस्ल के कुत्ते होगे.
ठीक कह रहे हो बड़े लोग बड़ी -बड़ी शौके .
तभी तो देश के माथे एक और नया कलंक मढ़ा जा रहा है .
पुराना कौन और नया कौन सा है?
जातिवाद और अब भ्रष्टाचार का देश .
हां यार . कुत्तो से नहीं स्वार्थी -भ्रष्ट जन प्रतिनिधियो और जन सेवको से सावधान रहने का वक्त आ गया है .
नन्द लाल भारती २५.०२.2011
No comments:
Post a Comment