नाले की बाढ़ ..
देख तेरे पास चाभी होगी .
लेखा विभाग की चाभी मेरे पास ? पहले कई बार अनुरोध कर चूका हूँ की मेरे पास नहीं है . विश्वास नहीं है तो मेरे पास जो चाभिया है देख लीजिये .
बदमिजाज अफसर वफादार कर्मचारी को गाली देते हुए बोला- तेरी औकात क्या है ? अफसर से जबान लड़ता है
कर्मचारी मिस्टर विवेक आपका नाम भर विवेक है बस , वैसे है तो आप बदतमीज़ .
कर्मचारी की विवेकपूर्ण बात से अफसर की अफसरागिरी पर जैसे वज्रपात हो गया . वह गंदे नाले में आये बाढ़ के पानी की तरह उफन उठा . खैर नाले का उफान और मेढक की टर्र-टर्र मौसमी बरसात में तो सुनायी ही पड़ जाती है . परन्तु नाले के पाने के बहाव के सामने कोंई माटी से जुड़ा पेड़ आ जाए तो उसे अपनी औकात का पता लग जाता है, ठीक वैसे अफसर अपनी औकात पर लजा गया था ... नन्द लाल भारती .. २५.०२.२०११
No comments:
Post a Comment