आखिरकार कम उम्र में स्वर्ग सिधार गए,विभागीय मेडिकल सहायता राशी की इन्तजार में।
मेडिकल सहायता की इन्तजार में.................?
हां......... बेचारे गरीब परिवार से थे। ब्लड कैंसर से पीड़ित थे। अस्पताल की पलंग पर मृत्यु से संघर्षरत थे । मेडिकल सहायता की फाइल दिल्ली से गाजियाबाद के जाम में महीनो से फंसी थी । डाक विभाग की यह लापरवाही एक नवजवान कलमकार को लील गयी।
कौन थे ...........?
मानवतावादी रचनाकार स्वर्गीय श्री कालीचरण प्रेमी ।
प्राकृतिक मौत नहीं यह तो असामयिक ह्त्या है ..........नन्द लाल भारती .....२८.०४.२०११
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