कसम ...
कहा जा रही हो बहू.......?
अस्पताल......
कल पैथोलोजी गयी थी ना ?
हां....
आज अस्पताल क्यों......?
apointment है आज का .
क्यों खून करवाने के लिए ..? बहू मेरे जीते जी ऐसा नहीं हो एकता . बेटी दो खानदानो की चिराग होती है,नया उजास आने दो. मेरी कसम है बहू चौखट के बाहर पाँव ना रखना ....नन्दलाल भारती
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