तकदीर ..
घनश्याम पानी में बदबू आ रही है .
नहीं.....किसी को नहीं आ रही है तो तुमको की आ रही है .अकुआगार्ड से पानी साफ़ हो रहा नहीं . पानी में दवाई भी तो डाली जा रही है .
मै कह रहा हूँ तो मानता क्यों नहीं ?
आँख ना दिखाओ भाई . पानी भरना मेरी डयूटी नहीं है .
क्यों नहीं है ?
नहीं है . मै अटेंडेंट तो नहीं ?
तुम्हारी डयूटी है अटेंडेंट हो या अफसर ?
अगर हमारी है तो तुम्हारी क्यों नहीं?
हमारी क्यों ?
ड्राइवर हो . तुम्हारी डयूटी साधे नौ बजे से शुरू होती है . आते हो बारह बजे दिन भर फोन का बिल बढाते रहते हो . कम से कम खुद के लिए साफ़ पानी भर लिया करो .
आर्डर फ़ालो करना तुम्हारी मज़बूरी और अघोषित सुविधाओ का उपभोग मेरी तकदीर............................... नन्द लाल भारती
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