Friday, April 22, 2011

GHODA

घोडा ....
घोड़े वाली गिफ्ट आफिस वालो को नहीं मिलेगी क्या ?
वो तो अन्तः सेवा प्रशिक्षनार्थियो  के लिए थी ...
क्या  बात कर रहे हो साहेब....?
सच तो कह रहा हूँ .
झूठ कह रहे है .
कैसे ....?
क्या आपको नहीं मिली ...?
मिली ना..
साहब के दूर-दूर के रिश्तेदारों को दी जा रही है हमें क्यों नहीं ? हम तो कंपनी के कर्मचारी है . देर रात-रात तक काम किया उसका क्या ? क्या गिफ्ट के भी हकदार नहीं..? 
इस दफ्तर के कर्मचारियों के लिए अन्तः सेवाप्रशिक्षण  नहीं था .
दूर-दूर दे रिश्तेदारों के लिए था ..
टीवी कार्यकर्म जीजाजी नहीं देखा क्या ...?
मतलब अन्धेरपुर नगरी कनवा राजा.........नन्द लाल भारती ....


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