Saturday, October 2, 2010

ek aur shikayat

एक और शिकायत ..
मोहन बाबू .....
क्या कह रहे है जनाब बोलिए .
क्यों चिल्ला रहे थे  ?
क्या कह रहे हो .
मै नहीं बिपिन कह रहा था .
जनाब मै अधिकारी तो नहीं की पूरानी कार  की डिलीवरी राकेश राजा को दे देता . मैंने कहा मै नहीं दे सकता बिना कागजी कारवाई पूरी करवाए   . साहब से बात करो . इतना कहते ही वह धमकी देने लगा, साहब को घुसखोर ,भ्रष्ट कहने लगा, सतर्कता विभाग को फोन पर शिकायत करने लगा  .यदि इसका जबाब  अपराध है तो किया हूँ  .
राकेश राजा ने अपराध किया है . बिपिन राकेश राजा का पक्ष्हर कैसे हो गया और तुम्हारी एक और शिकायत कर दी . खैर मतलब के लिए थूक कर चाटना, सिर पर जूता लेकर चलाना बिपिन की आदत है . काम तो करना नहीं है . बिना काम के तनखाह ले रहा है ऊपर से काम करने वालो  की शिकायत पर शिकायत ...... ..
देख लो जनाब..... नन्द लाल भारती.. २८.०९.२०१०

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