Saturday, October 2, 2010

saeb jhooth mat bolo

साहेब झूठ मत बोलो ...
विकास समझाइस के लहजे में बोले किशन बाबू निर्णय लेने से  पहले बॉस से बात कर लिया करो .
किशन-बॉस से बात करके ही पार्टी को बुलाया हूँ. पार्टी मेरे साथ दुर्व्यवहार कर रही है तो मै कसूरार हो गया .
विकास - पार्टी भ्रष्ट लगती है . काम कराने के लिए दंड,भेद का सहारा  ले रही है . तुम इतनी जिल्लत क्यों झेले हो . बॉस बोले रहे थे की मैंने नहीं बुलाया है बोल देना था  ना बॉस से की आपने ही बुलवाया है .

किशन-दस लोगो के सामने बॉस की क्या इज्जत रहती .
विकास - सुने बॉस एक आप हो दोषी निरापद किशन को ठहरा रहे हो जबकि खुद दोषी हो . ना जाने क्यों  बड़े  बॉस लोग छोटे कर्मचारी के आंसुओ से अपने रुतबे को चमकने में लगे रहते  है .....साहेब झूठ मत बोलो  ...
विकास साहब की बात सुनकर बॉस बगले झांकने  लगे .. नन्दलाल भारती... २९.०९.२०१०

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