Friday, March 18, 2011

andhadhundh kamaee

अंधाधुंध कमाई ....
क्या मोहन तनिक आँख ऊपर उठाकर देख लेता. कौन से काम में व्यस्त हो. अन्दर तो हंसी के बम फूट रहे है .
काम करने के लिए तो हम जैसे छोटे लोग होते है साहेब .
सुविधा का उपभो और अदने कर्मचारी को आंसू देने दे लिए दबंग लोग.
मतलब सुविधा भरपूर और काम कमजोर की छाती पर.
हां साहेब .........
मतलब दहशत से डबल कमाई और परिश्रम से दूरी  .
हां साहेब स्वार्थ की भांग का खुमार है . अभी  तो कर्तव्य भूल रहे है जिम्मेदार लोग. 
हां मोहन गरीब को गरीब बनाए रखने का शानायंत्र यही है . पद की चाभी क्या हाथ लग गयी अंधाधुंध कमाई के रिकार्ड टूट रहे है .दगाबाजी के खिलाफ जंग होना चाहिए .
हां साहेब हो जाती तो देश के माथे से भ्रष्टाचार का दाग धूल जाता .....नन्द लाल भारती १६.०३.2011

No comments:

Post a Comment