Thursday, March 3, 2011

naye vesh ka bhikhari

नये वेष का भीखारी ..
कहा घुसा जा रहा है . रोक बाईक कहते हुए ट्रेफिक हवलदार ने डंडा पहिये में डाल दिया .
क्या कर रहे हो इंस्पेक्टर साहेब बाईक रोकते हुए अमर बोला .
दिखा गाडी का कागज़ .
देख लीजिये ....
रख ले....
अच्छा लाईसेंस निकाल .
लाईसेंस  नहीं है .
२५०-०० रुपया निकाल चालान बनेगा .
क्यों...................
बिना लाईसेंस के बाईक चला रहा है और पूछ रहा है क्यों............
इन्सेप्क्टर साहेब यूरो बाईक है  लाईसेंस की जरुरत नहीं है .
ट्रेफिक इन्सपेक्टर को सिखाता है .
निकाल २५०-०० रुपया ..
नहीं है .....
सौ निकाल .........
नहीं है ...
पच्चास निकाल..
नहीं है.........
क्या है तेरे पास....
यूरो बाईक....
गुटका के तो पैसे दे दे...............
अमर चल हट नये वेष का भीखारी है क्या   .........नन्द लाल भारती ०३.०३.2011

No comments:

Post a Comment