Dushman ...
दुश्मन ...
करीम-कादर आपस में वार्तारत थे. करीम बोला-देखो वी खुमार का रघुबाबू को गली दे दिए .अफसर क्या हो गया की कंस जैसा व्यहार करने लगा .रघु तो वैसे ही नेक इंसान है, कर्म को पूजा समझते है .
कादर-वी खुमार का नैतिक,मानसिक,बौध्दिक पतन हो गया है. पागल होते जा रहा है . विभागीय काम के साथ न्याय नहीं करता है. समय के पाबन्द बेचारे रघुबाबू को बेवकूफ कामचोर, छोटेलोग और भी बुरे-बुरे शब्द बक रहा था . कैसा आदमी है .. नेम कर्मचारी को अपमानित करता है .
कादर-ऐसे लोग नेक कर्मचारियों के ही नहीं देश,संस्था और समाज के भी दुश्मन होते है .
रघुबाबू-क्या गुफ्तगू हो रही है .
कादर भाई-कुछ नहीं साहेब आप जैसे कदावर लोग चलते है, तो वी खुमार जैसे अफसर जलते है .
रघु बाबू-क्या ............................नन्दलाल भारती ०१.०३.२०११
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