विकास ..
क्यों चुपचाप बैठे हो . कुछ तुम भी तो बोलो .
मेरे मानेगा कौन ?
अभिव्यक्ति की आज़ादी है . विचार तो रखो ...
मेरे विचार से सत्ताधीशो को विदेशी बैंको में खाता नहीं खोलना चाहिए . जो खाते खुले है उन्हें राजसात कर लेना चाहिए . नए खातो पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए . उलंघन करना देश द्रोह माना जाना चाहिए . विशेष परिस्थितयो में छूट हो .
लाभ क्या होगा ?
भर्ष्टाचार पर प्रतिबन्धि , देश ka vikaas ....
विचार तो अच्छा है पर सत्ताधीश लागू होने दे तब ना .................नन्दलाल भारती -- १४.०३.2011
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