अश्प्रिस्यता //
रघुवर-अरे भाई सेवक जलसे में नहीं गए थे क्या.?
सेवक- किस जलसे की बात कर रहे हो ?
रघुवर -अरे किस जलसे की ये सुर्खिया है .
सेवक -कंपनी के जलसे की . ये तुमको कहा मिल गया ?
रघुवर-भाई तुम्हारे विभाग के जलसे की खबर है . इसलिए अखबार की कतरन साथ लेते आया . ये एखो तुम्हारे दफ्तर के सभी लोग फोटो में है बस तुमको छोड़कर . अच्छा बताओ तुम शामिल क्यों नहीं हुए .
सेवक-मै छोटा कर्मचारी अश्प्रिस्यता का शिकार हो गया हूँ.
रघुवर- क्या कह रहे हो . तुम जैसे कद वाले सिर्फ पद के कारण अश्प्रिस्यता के शिकार..........
सेवक हां रघुवर .................
रघुवर-धैर्य खोना नहीं. जमाना तुम्हारी जय-जयकार करेगा एक दिन सेवक ......नन्दलाल भारती .. २९.०८.२०१०
सबके अच्छे दिन आते हैं
ReplyDeleteअच्छा संदेश है समाज के लिए