Friday, August 27, 2010

BYAAH

ब्याह  ..
भईया गजानंद बहुत खुश लग रहे गो, कोई लाटरी तो नहीं लग गयी, रामानंद अपनी बात पूरी कर पाते उससे पहले गजानंद उचक कर बोले हां भईया एस ही कुछ .
रमानंद --मतलब.
गजानंद- ब्याह फ़ाइनल हो गया .
रमानंद- किसका?
गजानंद-बिटिया का और किसका ...
रमानन्द-बढ़िया खबर सुनाये भईया .
गजानंद-बिटिया के ब्याह की चिंता में तो बुह हुए जा रहा था. भागदौड़  सफल हो गयी.  ब्याह  में विलम्ब तो हुआ पर घर आर मनमाफिक मिल गया है.
रमानन्द -लड़का क्या करता है ?
गजानंद-सरकारी नौकरी में ऊँचे पद पर है . उपरी आमनी की भी अच्छी गुंजाईश है. इकलौता लड़का है . माँ-बाप दोने नौकरी में है सर्वसम्पन्न परिवार है .
रमानन्द-दहेज़ भी बहुत देना है . लड़का अकेला संतान हा अपनी माँ-बाप का .पूरी समाती की मालकिन बिटिया होगी.
गजानंद -हा भाई हां.....
रमानन्द-भईया गजानंद मुझे तो पसंद नहीं है ऐसा रिश्ता . यहाँ बिटिया के सुख चैन की उम्मीद तो नहीं लगती .
गजानंद-क्या कह रहे गो रमानन्द .
रमानन्द-जिस घर में लड़की नहीं उस घर में बिटिया का ब्याह कर रहे हो अह भी दहेज़ देकर.
गजानंद-क्या वहा बिटिया का ब्याह नहीं करना चाहिए .
रमानन्द -खुद की बिटिया की हत्या पैदा होने से पहले करने वाले  दूसरे की बिटिया के साथ कैसा सलूक करेगे . मुझे यहाईसा ही लगता है. जिस माँ-बाप ने बेटी का जन्म नहीं होने दिया .वे दूसरे की बेटी की क्या कद्र करेगे ? गजानंद बिटिया का सुख चैन चाहते हो तो बिलकुल नहीं करना ... नन्दलाल भारती  २८.०८.२०१०

No comments:

Post a Comment