विश्वास..
तोता पाल लिया ?
आ गया है अतिथि की तरह .
पिजरे में तो रखा है ? पंक्षी को कैद करना अन्याय है आज़ादी के प्रति .
डरा-सहमा दरवाजे पर दो दिन बैठा रहा. बिल्ली खा जाती इसलिए नया पिजरा मंगवा कर उसके सामने रख दिया .खुद जाकर बैठा है . खुला चुद देने पर भी नहीं जाता. देखो पिजरे का दरवाजा खुला है ना . सिटी मारता है ,नाचता है, गाता है ,धर्मपत्नी कहाथ से दाल चावल खता है . जब घर के लोग नहीं दिखाते तो मिठू-मिठू बुलाता है. अन्याय है या न्याय ,छल या कोई मेर स्वार्थ .
विश्वास .........नन्दलाल भारती १२.०८.२०१०
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