चाय ..
अधिकारी-टीचू ये क्या है .
टीचू- सर चाय है .
अधिकारी-कैसी चाय है. वह भी सरकारी.
टीचू-दूध में तनिक पानी डाल दिया हूँ.
अधिकारी- क्यों . खालिस दूध की क्यों नहीं.
टीचू-शिकायती लहजे में बोला -इंचार्ज बाबू ,मना करते है .
अधिकारी-बाबू की इतनी हिम्मत . हमें तो खालिस दूध की ही चलेगी .
टीचू- बावन बीघा की पुदीना की खेती आले है, मन ही मन बुदबुदाया .
अधिकारी-कुछ बोले टीचू .
टीचू- नहीं सर .
अधिकारी-अब तो सरकारी चाय दे दे .
टीचू-सर दूध में चाय पत्ती और शकर डलेगी .
अधिकारी-हां क्यों नहीं पर पानी नहीं... जा की बहस ही करता रहेगा... मूड खराब हो गया चाय देखकर ..
टीचू-दूध में चाय पत्ती और शकर डालकर गरम करने में जुट गया .. नन्दलाल भारती .... २९.०८.२०१०
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