Tuesday, August 17, 2010

FARZ AUR EEMAAN

फ़र्ज़ और ईमान ..
मेरी मदद कर दो.
क्या मदद चाहिए ?
रेट बता दीजिये .मेरा कोटेशन पास हो जाए .
गैर कानूनी काम .....
हां......
कभी नहीं.....
कीमत दूंगा ..
बिकाऊ नहीं... 
हर चीज बिकाऊ है और आज आदमी भी कीमत देने वाला चाहिए .
ईमान नहीं बिक सकता .
किस ईमान की बात कर रहे है  ?
कवि के..........
लिखित शिकायत ऊपर तक करूगा .
शौक  से किशोर राजा पर मै फ़र्ज़ और ईमान बेईमान के हाथ नीलाम नहीं होने दूगा ....
नन्दलाल भारती  १७.०८.२०१०
 

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