Friday, August 13, 2010

PROTSAHAN

प्रोत्साहन ...
मुंशीजी कविता छब्बीस जनवरी के लिए ठीक रहेगी .
हरिलाल मुंशी- बहुत बढ़िया कविता है .
प्रकाश -मै लिखा हूँ.
मुंशीजी-तुम कविता भी लिखते हो .
प्रकाश -पहली बार लिखा हूँ छब्बीस जाणारी के जलसे के लिए .
मुंशीजी-तुम्हारी कवित नाटक में गीत कीतरह गयी जाएगी तो बहुत अच्छी लगेगी .प्रकाश लिखते रहना .कलम रोकना नहीं.
प्रकाश-जी मुंशीजी और प्रकाश एक मजदूर लेखक बन गया मुंशीजी के प्रोत्साहन से ..नन्दलाल भारती .. १४.०८.०१०

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