Tuesday, August 10, 2010

Ganga-jamuna

गंगा-जमुना ..
सर पत्र तैयार है देखकर दस्तखत कर दीजिये .
आप से अच्छा तो मै नहीं लिख सकता और आप तो बेहतर कर्मचारी है .
सुना साहब क्या बोल रहे है .
हां...........
पहले आले साहेब तोहर काम में कमी निकलते थे चराहे जैसा व्याहार करते थे .
आदमी पद  और दौलत से बड़ा नहीं होता .
ठीक कह रहे है सर . ये तो विदात्जन अच्छी तरह से समझते है . आप उनमे से एक है .
बड़े बाबू उच्च शिक्षित है ,प्रतिष्ठित है ,इनका सम्मान हमारा सम्मान है .
उच्च शिक्षित विद्वत बॉस से सम्मान पाकर बे बाबू की आँखों में गंगा-जमुना उमड़ पड़ी .
नन्दलाल भारती ०५.०८.२०१०

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